नींद आती ना रातों में, अब कोई ख्वाब ना आयेगा हमें उतार चुका मन से, अब कोई और ही आयेगा
जानता हूं हक़ीक़त सब, मगर मंज़ूर नहीं होता ज़हन कहता है कुछ दिन में, फिर वो लौट आयेगा!!
~आवारा ~
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