तुझे अपना समझता हूँ, तभी नसीहतें करता हूँ, मतलब नहीं ईसका,सयाना खुद को समझता हूँ,
पाया जो तज़़ुर्बा मैंने अपनी नादानी से, तू महफूज रहे उन से, मैं जिन कांटों से गुज़रा हूँ!!!
~ *आवारा* ~
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